Also appears near Naya Bazar, Near Block office, Sherghati.
Management / Directors
Two directors are listed: Shalabh Samdarshi and Shiwangi Sinha.
Hospital management (Manager): Rudra
Dr. S Samdarshi Hospital Sherghati Contact Details
Hospital Emergency Contact: +91 7484043835
Email contact: shalabhsamdarshi@gmail.com
Public Service / Government Scheme Participation
As of January 2025, the hospital has been designated / recognized under a government scheme to provide cashless treatment for accident victims under what appears to be the Golden Hour scheme.
🏥 About of Hospital
The bed capacity, specialities, doctors on staff, diagnostic facilities, or whether it’s multispeciality or focused are very well treatment.
Hospital Consultantancy
Information about fees: 300/- and 24 hours of operation, patient reviews (beyond a few mentions of the clinic side) is sparse.
It’s also well‐equipped the hospital is for emergencies, surgeries, etc.
💡 Additional Notes / Inferences
The hospital being active since 2021 makes it relatively new in institutional terms.
Being part of government‐recognized schemes (e.g. cashless treatment) is a strong plus for community & management service.
Hospital Permanent Address: “Near Block Office, Sherghati”, it likely serves a local/ rural/semi‐urban population situated in this hospital.
शेरघाटी, बिहार के गया ज़िले का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नगर है, जो अपने प्रसिद्ध “शेरघाटी उल्कापिंड” (Sherghati Meteorite) के कारण विश्वभर में जाना जाता है। इस लेख में जानिए शेरघाटी का इतिहास, भूगोल, जनसंख्या, संस्कृति, शिक्षा, पर्यटन, अर्थव्यवस्था और विकास की दिशा।
🏙️ शेरघाटी शहर: इतिहास, संस्कृति और विकास की संपूर्ण कहानी
शेरघाटी का परिचय – Sherghati Introduction
शेरघाटी (पुराना नाम “शेरघाटी”) बिहार के गया ज़िले का एक नगर पंचायत (Nagar Panchayat) और उपमंडल मुख्यालय है। यह मगध क्षेत्र में स्थित है और मोहर नदी (Morhar River) के किनारे बसा है। शेरघाटी का नाम विश्व इतिहास में इसलिए दर्ज है क्योंकि 1865 में यहाँ मंगल ग्रह से आए एक उल्कापिंड का पतन हुआ था, जिसे “Sherghati Meteorite” कहा गया।
समय के साथ यह छोटा कस्बा प्रशासनिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विकसित होकर आज गया ज़िले का एक प्रमुख नगर बन चुका है।
भौगोलिक स्थिति और जलवायु
स्थान और भू-आकृति
शेरघाटी लगभग 24.56° उत्तर अक्षांश और 84.79° पूर्व देशांतर पर स्थित है। यह मगध डिवीजन का हिस्सा है। मोहर नदी इसके बीच से बहती है, जो कृषि और भू-संरचना दोनों को प्रभावित करती है। यह इलाका मैदानी है, परंतु नदी के आसपास कुछ ढलानें और जलभराव क्षेत्र पाए जाते हैं।
जलवायु और मौसम
शेरघाटी में आर्द्र उप-उष्णकटिबंधीय जलवायु (Humid Subtropical) पाई जाती है।
गर्मी (अप्रैल–जून): तापमान 35°C से अधिक तक पहुँच जाता है।
मानसून (जून–सितंबर): भारी वर्षा होती है, जो खेती के लिए वरदान और बाढ़ के लिए अभिशाप दोनों है।
सर्दी (दिसंबर–फरवरी): मौसम ठंडा और शुष्क रहता है, तापमान 8–10°C तक गिर सकता है।
2025 के मानसून में लगातार बारिश के कारण शेरघाटी और उसके आसपास के कई गाँवों में बाढ़ आई, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ।
ऐतिहासिक महत्व और विरासत
नाम की उत्पत्ति और प्राचीन इतिहास
“शेरघाटी” शब्द का पुराना रूप “शेरघाटी” ब्रिटिश कालीन अभिलेखों में मिलता है। ऐसा माना जाता है कि इसका नाम किसी स्थानीय शासक “शेर” या “शेरगढ़” क्षेत्र से प्रेरित है। यह क्षेत्र मगध सभ्यता का हिस्सा रहा है — जो बुद्ध, जैन धर्म, मौर्य और गुप्त साम्राज्यों का केंद्र रहा है।
शेरघाटी उल्कापिंड (Sherghati Meteorite)
25 अगस्त 1865 को शेरघाटी के पास मंगल ग्रह से आए एक उल्कापिंड का पतन हुआ। इसका वजन लगभग 5 किलोग्राम था। यह उल्कापिंड “शेरघाटी” (Shergottite) नामक पत्थर वर्ग में रखा गया है और आज भी वैज्ञानिक शोध का विषय है। “शर्गोटाइट” शब्द भी शेरघाटी के पुराने नाम “शेरघाटी” से ही निकला है। यह घटना शेरघाटी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध बनाती है।
आधुनिक काल और प्रशासन
स्वतंत्रता से पहले शेरघाटी ब्रिटिश काल में एक छोटा प्रशासनिक केंद्र था। आज यह 20 वार्डों में विभाजित एक नगर पंचायत है। यहाँ उपमंडल कार्यालय, अंचल कार्यालय और कई सरकारी संस्थान कार्यरत हैं।
जनसंख्या और समाज
जनसंख्या विवरण
2011 की जनगणना के अनुसार, शेरघाटी की आबादी लगभग 35,000 से अधिक है। यहाँ हिन्दी, मगही और उर्दू प्रमुख भाषाएँ हैं। समाज में हिंदू और मुस्लिम समुदायों की समान उपस्थिति है।
शिक्षा और साक्षरता
शेरघाटी में शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा विकास हुआ है। प्रमुख विद्यालयों में शामिल हैं:
रंगलाल हाई स्कूल
डीएवी पब्लिक स्कूल
होली फैमिली स्कूल
गुरुकुल रेजिडेंशियल स्कूल
उच्च शिक्षा के लिए:
महंत शतानंद गिरी कॉलेज (Hamzapur)
डॉ. जाकिर हुसैन इवनिंग कॉलेज
हालाँकि तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को गया, पटना या दिल्ली जैसे बड़े शहरों की ओर जाना पड़ता है।
सांस्कृतिक परिदृश्य
शेरघाटी का समाज पारंपरिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है। यहाँ के लोग छठ पूजा, दीवाली, ईद, और मकर संक्रांति जैसे त्योहार मिल-जुलकर मनाते हैं। यहाँ की क़ाज़ी परिवार जैसे कुछ पुराने उर्दू साहित्यिक घराने आज भी प्रसिद्ध हैं।
अर्थव्यवस्था और रोजगार
कृषि आधारित अर्थव्यवस्था
शेरघाटी की अधिकांश आबादी खेती पर निर्भर है। मुख्य फसलें – धान, गेहूँ, दालें और सब्जियाँ हैं। मोहर नदी से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है। पशुपालन और डेयरी उद्योग भी सहायक भूमिका निभाते हैं।
व्यापार और सेवाएँ
शेरघाटी आसपास के गाँवों के लिए एक व्यापारिक केंद्र है। यहाँ कृषि उत्पादों की मंडियाँ, किराना बाज़ार, वस्त्र दुकानें, और छोटे उद्योग हैं। सरकारी नौकरियाँ, शिक्षा, और खुदरा व्यापार मुख्य रोजगार स्रोत हैं।
प्रमुख चुनौतियाँ
बाढ़ और जलभराव की समस्या
उद्योगों की कमी
सीमित रोजगार अवसर
बिजली और सड़कों की स्थिति कमजोर
विकास के अवसर
कृषि प्रसंस्करण इकाइयाँ (Food Processing Units)
पारिस्थितिक और उल्कापिंड पर्यटन
डिजिटल कनेक्टिविटी और स्किल ट्रेनिंग
आधारभूत संरचना और प्रशासन
नगर प्रशासन
शेरघाटी का संचालन नगर पंचायत द्वारा किया जाता है। यह 20 वार्डों में विभाजित है और पानी, सड़क, बिजली, और सफाई जैसी सुविधाओं का संचालन स्थानीय निकाय के अधीन है।
2025 में 21-दिवसीय भूमि राजस्व शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें भूमि रेकॉर्ड सुधार और म्यूटेशन कार्यों को तेज़ी से निपटाने पर ज़ोर दिया गया।
परिवहन और संपर्क
सड़क मार्ग: शेरघाटी गया और औरंगाबाद से जुड़ा है।
रेलवे: निकटतम स्टेशन गया जंक्शन है।
बस सेवा: गया, इमामगंज और आसपास के गाँवों के लिए लोकल बसें उपलब्ध हैं।
डिजिटल नेटवर्क: मोबाइल और इंटरनेट सेवा उपलब्ध है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में गति सीमित है।
स्वास्थ्य सेवाएँ
शहर में एक सरकारी उप-डिविजनल अस्पताल और कई निजी क्लीनिक हैं। गंभीर इलाज के लिए मरीजों को गया या पटना जाना पड़ता है।
शिक्षा और संस्कृति
प्रमुख शैक्षणिक संस्थान
रंगलाल हाई स्कूल
डीएवी पब्लिक स्कूल
गुरुकुल रेजिडेंशियल स्कूल
महंत शतानंद गिरी कॉलेज
डॉ. ज़ाकिर हुसैन इवनिंग कॉलेज
सांस्कृतिक धरोहर
शेरघाटी में उर्दू साहित्य, लोकगीत और पारंपरिक नृत्य की गहरी परंपरा है। यहाँ के लोक उत्सव और मेलों में सांस्कृतिक विविधता देखने को मिलती है।
पर्यटन और दर्शनीय स्थल
शेरघाटी उल्कापिंड स्थल
1865 का उल्कापिंड गिरने वाला स्थान शेरघाटी की वैज्ञानिक पहचान है। यद्यपि वहाँ कोई संग्रहालय नहीं है, लेकिन यह स्थान खगोल विज्ञान प्रेमियों के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है।
प्राकृतिक सौंदर्य
मोहर नदी के किनारे का वातावरण अत्यंत सुंदर है। यहाँ ग्रामीण जीवन, हरियाली और पक्षी दर्शन पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
धार्मिक स्थल
शहर में अनेक मंदिर, मस्जिदें और स्थानीय देवस्थल हैं, जो सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक हैं।
प्रमुख समस्याएँ
हर वर्ष मानसून में बाढ़ और जलभराव
सीमित सड़क और जल निकासी व्यवस्था
स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं की कमी
स्थानीय स्तर पर उद्योगों की अनुपस्थिति
हाल के विकास कार्य
बाढ़ राहत कार्य: 2025 में SDRF और स्थानीय प्रशासन ने राहत और पुनर्वास कार्य किए।
भूमि सुधार शिविर: नागरिकों के भूमि विवाद निपटाने के लिए 21 दिवसीय राजस्व शिविर आयोजित।
सड़क और नाला निर्माण: नगर पंचायत द्वारा कई स्थानों पर सुधार कार्य जारी हैं।
भविष्य की संभावनाएँ
सतत विकास योजना
शहर में बेहतर नाली व्यवस्था, सड़क चौड़ीकरण और हरित क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं।
शिक्षा और रोजगार
नई स्किल डेवलपमेंट योजनाएँ और कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र खोले जाने की आवश्यकता है।
पर्यटन और ब्रांडिंग
“शेरघाटी उल्कापिंड” की कहानी को केंद्र बनाकर अंतरिक्ष पर्यटन और स्थानीय संग्रहालय विकसित किए जा सकते हैं।
कृषि प्रसंस्करण इकाइयाँ
धान और दालों पर आधारित छोटे उद्योग स्थानीय रोजगार बढ़ा सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. शेरघाटी किस लिए प्रसिद्ध है?
यह 1865 में गिरे मंगल ग्रह के Sherghati Meteorite के कारण विश्वभर में प्रसिद्ध है।
Q2. शेरघाटी कहाँ स्थित है?
यह बिहार राज्य के गया ज़िले में स्थित है, मगध क्षेत्र का हिस्सा है।
Q3. यहाँ की जनसंख्या कितनी है?
लगभग 35,000 से अधिक लोग शेरघाटी नगर में निवास करते हैं।
Q4. शेरघाटी में कौन-सी भाषाएँ बोली जाती हैं?
मुख्यतः हिन्दी, मगही और उर्दू।
Q5. यहाँ की प्रमुख शिक्षण संस्थाएँ कौन-सी हैं?
डीएवी स्कूल, रंगलाल हाई स्कूल, गुरुकुल स्कूल, और महंत शतानंद गिरी कॉलेज प्रमुख हैं।
Q6. शेरघाटी की मुख्य समस्याएँ क्या हैं?
बाढ़, सड़क और जल निकासी की कमी, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी।
निष्कर्ष (Conclusion)
शेरघाटी एक ऐसा नगर है जहाँ इतिहास, विज्ञान और संस्कृति का संगम मिलता है। यहाँ का शेरघाटी उल्कापिंड इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान देता है, वहीं इसकी ग्रामीण संस्कृति और मेहनतकश लोग इसे जीवन से जोड़ते हैं।
हालाँकि बाढ़, अवसंरचना की कमी और सीमित रोजगार अवसर जैसी चुनौतियाँ हैं, परंतु सही योजनाओं और युवाओं की भागीदारी से शेरघाटी एक विकसित और आत्मनिर्भर नगर बन सकता है।
भविष्य में यदि शिक्षा, पर्यटन और कृषि-आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए तो शेरघाटी न सिर्फ गया ज़िले, बल्कि बिहार की पहचान बन सकता है।